मुम्बई । परम पूज्य भदंत मैत्रियघोष आयुपाल थिरो (एम.ए., एम.फिल., पीएचडी - स्कॉलर) के सानिध्य में निब्बाण बुद्ध द्वारा मुम्बई में आयोजित ऐतिहासिक “दी वर्ल्ड पीस धम्म वॉक 2019” भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। इस धम्म वॉक में भदन्त ज्ञानेश्वर महाथेरो - कुशीनागर ( उदघाटक), भदन्त डॉ खेमधम्मो महाथेरो, भदन्त इंदवांस महाथेरो, भदन्त एस. प्रज्ञाबोधी महाथेरो, भदन्त सुगत थेरो, आर्याजी धम्म नयना कुशीनागर व अन्य २३७ भिक्खु आणि हजारो उपासक उपासिका सहित देश-विदेश से आये हजारों बौद्ध भक्तों तथा धर्मगुरूओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में 17 से 24 नवम्बर 2019 तक श्रामणेर दिक्षाविधी का आयोजन प्रतिदिन बुद्ध स्तूप, नालासोपारा (प) में किया गया, जिसमें देश-विदेश से आये सैकड़ो योग्य भिक्खु श्रामणेर को दीक्षा दी गई।
कार्यक्रम के दुसरे चरण में दिनांक 24 नवम्बर 2019 को प्रातः 2 बजे से मुंबई के दादर स्थित भारतीय संविधान के निर्माता भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की समाधि स्थली और बौद्ध धर्म के लोगो की आस्था का केंद्र चैत्यभूमि, दादर (प) पर बोधिस्तव वंदन व दीप प्रज्जवलन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सभी धर्मगुरू व भदंत के साथ हजारों बौद्ध भक्तों ने भाग लिया। वहीं से प्रातः 3 बजे “दी वर्ल्ड पीस धम्म वॉक 2019” का भव्य शुभारंभ हुआ, जो मुम्बई महानगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए लगभग 33 कि.मी. पैदल यात्रा करते हुए बोरीवली के उत्तर में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के परिसर में स्थित कान्हेरी गुफाओं तक दोपहर 12 बजे पहुँचा। एक कि.मी (1000 मी.) लम्बाई के इस अखण्ड धम्म ध्वज व दीप के साथ हजारों लोग ने पैदल यात्रा किया, जगह-जगह पर अलग-अलग संगठन, ग्रुप तथा बौद्ध भक्तों के समुह ने पुष्पवर्षा, आरती, फूल-मालाओं आदि से सभी का स्वागत व अभिनंदन किया।
कान्हेरी गुफा परिसर स्थित पंडाल में दोपहर भोजन के बाद भिक्खु संघों द्वारा पाठ व सामूहित (सुत पाठ), ध्यान साधना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तत्पाश्चात डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का भाषण “आम्ही बौद्ध का झालो ?” का ध्वनी मुद्रण का प्रसारण किया गया। साथ ही “आम्ही बौद्ध का झालो ?” पुस्तक का विमोचन किया गया। साथ ही कार्यक्रम में सहयोग करने वाले प्रमुख सहयोगियों का सत्कार व आशीर्वाद प्रदान किया गया। 110 भिक्खुओं को चिवर दान (संघदान) प्रदान किया गया। कान्हेरी गुफा स्थित भगवान बुद्ध स्तूप व मुर्ति दर्शन व वंदन के साथ कार्यक्रम का भव्यता के साथ समापन हुआ।