मुम्बई | ललित कला अकादमी द्वारा मुम्बई के जहांगीर आर्ट गैलरी मे 06 दिसम्बर से 13 दिसम्बर, 2021 तक “द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय प्रिन्ट द्विवार्षिकी भारत” के नाम से पेंटिंग प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया गया। भारत की आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर यहां भारत और विदेशों के कलाकारों की 149 कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई। इन सैकड़ों चित्रों में से ज्यूरी मेम्बर्स द्वारा 5 कलाकृतियों को पुरस्कार के लिए चयनित किया गया और मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल माननीय श्री भगत सिंह कोश्यारी, विशेष अतिथि गोपाल शेट्टी लोकसभा सांसद और ललित कला अकादमी के चेयरमैन डॉ उत्तम पाचारने के हाथों पांच कलाकारों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रोफेसर श्री जयप्रकाश जगताप को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।
जहांगीर आर्ट गैलरी मुम्बई में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के 11 अन्य अधिकारियों की मौत पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यहां 1 मिनट का मौन रखा गया। ततपश्चात कलाकार सोमनाथ होर के जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में उनकी जीवनी पर लिखी गई किताब का विमोचन हुआ। उसके बाद ललित कला अकादमी के चेयरमैन डॉ उत्तम पाचारने ने सभी विजयी कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि पिछले 60 वर्षों से अधिक समय से कला और कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए ललित कला अकादमी अपने कला कार्यक्रमों, गतिविधियों एवं योजनाओं के माध्यम से कोशिश करती आ रही है। अन्तर्राष्ट्रीय प्रिन्ट द्विवार्षिकी एक ऐसा ही प्रयास है जिसके द्वारा राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के छापाकला कलाकारों को कला प्रदर्शन के लिए मंच प्रदान किया जाता है।
कार्यक्रम में 5 चित्रकारों को ज्यूरी की ओर से 2-2 लाख रुपए की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दिया गया। महाराष्ट्र के राज्यपाल माननीय श्री भगत सिंह कोश्यारी के हाथों सभी विजेताओं को सर्टिफिकेट, शॉल और ट्रॉफी दिया गया। उन 5 विजेता चित्रकारों के नाम हैं श्री जगदीश्वर राव, श्री चंद्रशेखर वसंतराव वाघमारे, श्री दुर्गादास गाराई, श्रीमती सुषमा यादव, मोहम्मद फखरुल इस्लाम मजूमदार। इनके अलावा 12 और चित्रकारों को सम्मानित किया गया। सांसद श्री गोपाल शेट्टी ने यहां कहा कि इस तरह के प्रोग्राम में आकर मुझे बहुत अच्छा लगा। कला को आगे बढ़ाना है तो हमें कलाकारों की हिम्मत को बढ़ाना होगा। डॉ उत्तम पाचारने ने इस तरह कलाकारों को पुरस्कार राशि देने के लिए जो कार्यक्रम रखा वह वास्तव में बधाई के पात्र हैं।
महाराष्ट्र के राज्यपाल माननीय श्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि ललित कला बड़ी चीज है। कला को समझने के लिए अपने अंदर कला का होना जरूरी होता है। हम सब के अंदर कोई न कोई कला होती है। कलाकार बड़ी तपस्या के बाद कुछ सृजन करता है। मैं कलाकारों से यही कहूंगा कि कला के क्षेत्र में आकर अपनी आत्मा डाल दें। उत्तम जी उत्तम व्यक्ति है और उत्तम काम करते रहते हैं। आप सभी कलाकारों को बधाई, शुभकामनाएं देता हूँ।