Shri Laxminarayan Biyani - Chairman, Parmarth Seva Samiti


दया, धर्म और परमार्थ की प्रतिमूर्ति श्री लक्ष्मीनारायण बियानी का जन्म 2 मार्च 1933 को राजस्थान के निम्बी-जोधा गांव में हुआ। बचपन तथा प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुआ। इनके पिताजी श्री बंशीलालजी बियानी तथा माताजी किशनी देवीजी सहित इनका पुरा परिवार काफी संस्कारी, शिक्षित तथा धार्मिक प्रवृति का रहा है। शायद यही कारण है कि संस्कार, शिक्षा तथा धर्म की भावना इनके अंदर बचपन से ही कुट-कुट कर भर गई। सालासर हनुमान जी के प्रति इनके पूरे परिवार की अगाध आस्था रही है, जिसका प्रभाव भी इनके जीवन में स्पस्ट दिखाई पड़ता है।

श्री लक्ष्मीनारायणजी बियानी पढ़ाई पूरा कर अपने पिताजी के साथ व्यवसाय से जुड़ गये। पिताजी का कपड़ो का व्यवसाय था। व्यवसाय की बारिकियां सीखकर ये व्यापार को आगे बढ़ाने लगे। ईमानदारी, पारदर्शिता तथा ग्राहकों के हितों का सदैव ख्याल रखा। कर्मचारियों को अपना परिवार के सदस्य मानते हुए उनके सुख-दुख में स्वयं को सदैव शामिल किया। पर हित की भावना से कार्य करते हुए ये शीध्र ही सफलता के शिखर पर पहुंच गये। वर्तमान में यह व्यवसाय इनके पुत्र विजय, किशोर तथा अनिल बियानी संभाल रहें है। अपने मेहनत, लगन तथा व्यवसायिक सूझबूझ के साथ इनका ‘बिग बाजार’ तथा ‘पैंटालून’ आज करोबार के सफलता के नये आयाम प्रदान कर रहा है।

व्यवसाय के साथ ही समाजिक तथा धार्मिक कार्यों में भी श्री लक्ष्मीनारायणजी बियानी की गहरी रूची रही है। अपने माताजी-पिताजी को सदैव इन कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते हुए देखा। ऊंच्च संस्कार तथा अच्छी शिक्षा इन्हें सदैव इसके लिये प्रेरणा देती रही। इन कार्यों के प्रति जागृत रूची शीध्र ही आनंद तथा आत्म संतोष में बदल गया। परम श्रद्धेय श्री रामसुखजी महाराज के सानिध्य में धर्म-कर्म के प्रति रूची और आस्था ओर गहरा होता गया। मन से ये इन्हें अपना अध्यात्मिक गुरू भी मानतें है, क्योंकि यह महराज प्रत्यक्षतः किसी को भी अपना शिष्य नहीं बनाते है। कर्मयोगी भगवान श्रीकृष्णजी के विचार और संदेशो का भी इनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जिसे यह अक्षरशः पालन करने का पूर्ण प्रयास करते है।

श्री लक्ष्मीनारायणजी बियानी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से समाजिक तथा धार्मिक कार्यों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते आ रहें है। इन संस्थाओं में बंशीलाल किशनी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट, श्री गुलाब गौशाला, भागवत आश्रम वृंदावन, अग्रवाल विवाह समिति, परोपकार आदि प्रमुख रहा है। निम्बी-जोधा में स्थानीय लोगों के लिए एक अतिथीगृह का भी निर्माण किया, जिसका उपयोग वे सभी विविध समाजिक कार्यों, शादी-विवाह आदि में कर सकें।

बच्चों के बड़ा होनें तथा व्यवसायिक कार्यों को उनके द्वारा संभाल लेने पर श्री बियानी जी पुरी तरह से समाजिक कार्यों में जुट गए। दया, धर्म तथा परमार्थ के उद्देश्यों को पुरा करने हेतु अपने कुछ खास मित्रों के साथ मिलकर 19 जुलाई 2008 को परमार्थ सेवा समिति नाम से एक संस्था का गठन किया। इस संस्था का गठन परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद जी महाराज तथा स्वामी गिरिशान्द जी महाराज के मुख्य उपस्थिति में किया गया। इस संस्था ने विगत पाँच वर्षो से जाति, धर्म, संप्रदाय आदि का भेदभाव किए बिना समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण हेतु अनेक समाजिक, धार्मिक, शौक्षणिक, चिकित्सा आदि शिविरों का आयोजन करती आ रही है। फलस्वरुप इस संस्था का नाम आज मुम्बई के अग्रणी संस्थाओं में लिया जाता है।

Quick Facts:

Father's Name: Late Shri Banshilal ji Biyani
Mother's Name: Late Smt. Kishani Devi
Birth Date: March 02, 1933
Place of Birth: Nimbi-Jodha, Rajasthan, India
Education: N/A
Spouse(s): Smt. Godavari Devi
Son & Daughter in Law : • Shri Vijay Biyani  • Shri Kishor Biyani  • Shri Anil Biyani  • Smt. Santosh Vijay Biyani  • Smt. Sangita Kishor Biyani  • Smt. Lata Anil Biyani
Brother & Sisters : • Shri Rajaram Biyani  • Shri Ramniwas Biyani  • Shri Bajranglal Biyani  • Shri Gopal Biyani  • Smt. Babu Bai Jaju

Related Organization, Society & Trust:

Chairman: • Parmarth Seva Samiti, Mumbai

Contact Details:

Address: 3rd Floor, Sobo Central, Madan Mohan Malviya Road, near Haji Ali, Mumbai-400034 (India)